Category: स्तंभ

ब्राह्मण स्वभाव (कुलपति उवाच) फरवरी 2016

शुद्ध अर्थात ब्राह्मण स्वभाव वाले मनुष्य में देव, द्विज, ज्ञानी और विशेषकर अपने गुरू के प्रति पूज्य भाव होता है. विद्वान और मुमुक्षु के प्रति नम्रता का आचरण, जो सच्ची संस्कारिता का वास्तविक लक्षण है- उसमें होता है. वह बोलता…

मन की बात कहने का माध्यम

– रमेश थानवी   जयपुर, 22 मई 2014 प्रिय मोना राहुल बर्मन, लो, वादे के अनुसार पहला पत्र. देर तो हुई है. मगर यह पत्र अब तुरंत पत्र के रूप में. Just instant. हाथों हाथ पहुंचाने के जाब्ते के साथ. पत्राचार…

अपने पत्रों में प्रतिबिम्बित सम्पादक

स्मरणांजलि – डॉ. ए.एल. श्रीवास्तव न वनीत डाइजेस्ट, धर्मयुग, प्रेस ट्रस्ट ऑफ इण्डिया तथा कालनिर्णय में 1951 से 2013 तक निरंतर 62 वर्ष सम्पादन करने वाले सुधी सम्पादक श्रीनारायणदत्त 85 वर्ष की आयु बिताकर 01 जून 2014 को संसार से विदा हो…

मेघदूत से व्हाट्स अप तक वाया पोस्ट कार्ड

– डॉ. पुष्प कुमार शर्मा लीजिये साहब, मैंने अपनी बात का सिर्फ शीर्षक ही बताया कि आप चौंक गये और यह जानने के लिए बैचेन हो गये कि मैं कौन हूं. इससे पहले कि आप कोई अंदाज़ा लगाये मैं खुद ही बता…

खत को तार समझना

रमेश नैयर मिर्ज़ा गालिब ने अपनी उम्र भर की जमापूंजी की घोषणा मात्र दो पंक्तियों में करते हुए लिख दिया था-  चंद तस्वीरे बुतां, चंद हसीनों के खुतूत बाद मरने के मेरे घर से ये सामां निकला ज़ाहिर है उर्दू…