Category: शिक्षा

चलो लोकशाला चलें! –  रमेश थानवी

विद्यालय के लिए एक प्रचलित शब्द है ‘पाठशाला’ और दूसरा प्रचलित शब्द है ‘विद्याशाला’. दोनों शब्दों का स्थान लगभग सभी प्रदेशों में स्कूल ने ही ले लिया है. स्कूल से आशय ऐसे स्थान से है जहां अपनी विद्या आरम्भ करने…

पूरा मनुष्य बनाने के लिए  –  एच. एन. दस्तूर

शिक्षा (भारतीय विद्या भवन द्वारा संचालित 92 स्कूलों में इस समय 1,85,000 छात्र 6100 अध्यापकों के निर्देशन में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. सन 2014-15 में इन स्कूलों में दसवीं की परीक्षा (सीबीएसई) में उत्तीर्ण होने का प्रतिशत 99.84 था!…

ताकि सोच के जाले स़ाफ हों  –  सुखदेव थोराट

आवरण-कथा केंद्र सरकार नयी शैक्षणिक नीति बना रही है. यह अच्छी बात है, लेकिन ज़रूरी है कि इससे पहले शिक्षा को लेकर जो कदम उठाये गये थे, उनकी विवेचना हो. 11वीं पंचवर्षीय योजना में 2006 से लेकर 2011 तक उच्च…

सवाल सोचने की क्षमता और आज़ादी का – प्रदीप भार्गव

उच्च-शिक्षा हम गांव-गांव फिरते हैं, किसी शोध की समस्या लेकर. फिर लिखते हैं. यही हमारी रोज़ी-रोटी है. उस दिन शाम होने को थी. लोटा उठा के पानी पी ही रहे थे, कि कागज़ों का एक बंडल विशाल पीपल से नीचे…