Category: अध्यक्षीय

मनुष्य सीमित, पृथक इकाई नहीं है (अध्यक्षीय) मई 2016

भारत में रहस्यवाद, वास्तविक न सही पर आध्यात्मिक अनुमानों में या कम से कम इसकी दर्ज अभिव्यक्ति में, मानव परिवार की अन्य शाखाओं से पहले का है. ज़्यादातर आध्यात्मिक समस्याओं को, जिनका आज के साधक सामना कर रहे हैं, भारत…

राजाजी और मुनशी (अध्यक्षीय) अप्रैल 2016

तीस के दशक के प्रारम्भ में गांधीजी के नेतृत्व में चलाये जानेवाले स्वतंत्रता संग्राम से मुनशी जी गहरे जुड़े थे. उस समय एक निष्ठावान समर्थक के रूप में उनको स्वीकार किया जा चुका था और वे आंदोलन के अग्रणी की…

शब्द शक्ति (अध्यक्षीय) मार्च 2016

हमें याद है जवाहरलाल नेहरू का प्रसिद्ध भाषण ‘नियति से साक्षात्कार’ जो उन्होंने स्वतंत्रता प्राप्ति के अवसर पर दिया था. वह इतना जबर्दस्त, सटीक और जीवंत रूप में था कि वह हमारी याद में हमेशा रहेगा. उन शब्दों में आज…

प्राणायाम (अध्यक्षीय) फरवरी 2016

याद रखें, जब तक आप सांस ले रहे हैं, तब तक नयी शुरुआत के लिए कोई देर नहीं हुई.  – अज्ञात प्राणायाम श्वासों के नियमन की एक प्राचीन पद्धति है. श्वास लेने, उसे रोकने और छोड़ने की कालावधि तक फैली…

अध्यक्षीय (जनवरी 2016)

  …जीवन-उत्कर्ष नव वर्ष नव, हर्ष नव, जीवन-उत्कर्ष नव… मधुशाला के अमर गायक श्री हरिवंशराय बच्चन ने इन शब्दों के साथ नववर्ष का स्वागत किया था. वस्तुतः हर नया वर्ष ‘बीती ताहि बिसार दे, आगे की सुधि लेह’ का संदेश…