Category: शब्द यात्रा

हवा का झोंका  – विद्यानिवास मिश्र

शब्द–सम्पदा एयरकंडीशन सभ्यता का विस्तार अभी हिंदुस्तान में ज़्यादा नहीं हो पाया है इसलिए हवा का संस्पर्श अभी भी कुछ अर्थ रखता है. वैसे तो उनचास पवन बाहर और पांच प्राण अपान उदान समान व्यान वायु शरीर के भीतर संचार…

आम में बौर आ गये –  विद्यानिवास मिश्र

शब्द–सम्पदा फागुन चढ़ा नहीं और फगुनहट (होली) हहकारने लगी. फागुन के साथ आम का बड़ा पुराना रिश्ता है. फागुन में ही सेमल में ढेंढ़ी (फूल) लगती है, पलाश (छिउला) जंगल में आग दहका देता है, महुए में कूंचे लगते हैं,…

‘आराम’ किस भाषा के नसीब में?

 ♦  आनंद गहलोत   > हिंदी के महान कोशकारों के ज्ञान का आदर करते हुए इसे स्वीकार करने में हमें संकोच नहीं होना चाहिए कि आराम के हिंदी में मौजूदा सुख-चैन अर्थ की प्रेरणा हमें संस्कृत के बजाय फ़ारसी से अधिक…

‘आराम’ किस भाषा के नसीब में?

 ♦  आनंद गहलोत    >  ‘सुख’ ‘अर्थवाला’ ‘आराम’ फ़ारसी शब्द है या संस्कृत शब्द है या दोनों भाषाओं की मिलीजुली सम्पत्ति? ‘विश्रांत’ का अर्थ कैसे बदल गया? अगर अशुद्ध उच्चारण का दंड ‘नरक’ हो तो हम सभी ‘नरक’ या ‘नर्क’…

जावा ने बनाया सम्भव

♦  आनंद गहलोत  >  कुछ संस्कृत शब्दों के उसके मूल देश भारत में जो अर्थ हैं; इंद्रोनेशिया में ठीक उसके उल्टे अर्थ विकसित हो गये हैं. जावा में उच्चारण में ‘अ’ उपसर्ग हटा देते हैं; इसलिए संस्कृत में ‘असम्भव’ का…