पत्र-व्यंग्य – प्रेम जनमेजय डालडे-सी अलभ्य प्रिये! देसी घी की मधुर स्मृतियां. आज शीघ्र-डाक-वितरण-सप्ताह की अत्यंत कृपा से तुम्हारे द्वारा एक-एक सप्ताह के अंतराल से प्रेषित चार प्रेम-पत्र मिले, जिन्हें गुलाबी ल़िफ़ाफे में पड़ा देख डाकिया सेंसर कर चुका…
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भूतपूर्व प्रेमिकाओं को पत्र
पत्र-व्यंग्य – शरद जोशी (वर्ष 2016 स्वर्गीय शरद जोशी की 85वीं सालगिरह का वर्ष है. वे आज होते तो मुस्कराते हुए अवश्य कहते, देखो, मैं अभी भी सार्थक लिख रहा हूं. यह अपने आप में कम महत्त्वपूर्ण नहीं है कि…
महात्मा गांधी को चिट्ठी पहुंचे
पत्र-व्यंग्य – हरिशंकर परसाई यह चिट्ठी महात्मा मोहनदास करमचंद गांधी को पहुंचे. महात्माजी, मैं न संसद सदस्य हूं, न विधायक, न मंत्री, न नेता. इनमें से कोई कलंक मेरे ऊपर नहीं है. मुझमें कोई ऐसा राजनीतिक ऐब नहीं है कि आपकी जय…
पत्र इंटेलेक्चुअल भैया के नाम परम्परा जीजी का
ललित-पत्र – विद्यानिवास मिश्र सलोनी पूनो, अनाम गांव इंटेलेक्चुअल भैया, राखी का दिन बीत गया. तुम्हें राखी बंधवाने की फुरसत न मिली. अच्छा ही किया, राह पर आजकल बड़ी रपटन है. जब से नये-नये गांवरक्षक बांध बने हैं, शहर से…
‘मुझे हवाओं में मिल जाने दें’
(रेहाना जब्बारी का संदेश उनकी मां के नाम) रेहाना जब्बारी के बारे में दुनिया को पहली बार 2007 में पता चला. तब उनकी उम्र महज 19 साल थी. उन्हें हत्या के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था. रेहाना का कहना…