Category: पत्र

जब रेणु ने सम्मान लौटाया था…

प्रिय राष्ट्रपति महोदय, 21 अप्रैल, 1970 को तत्कालीन राष्ट्रपति वाराहगिरि वेंकटगिरि ने व्यक्तिगत गुणों के लिए सम्मानार्थ मुझे ‘पद्मश्री’ प्रदान किया था. तब से लेकर आज तक संशय में रहा हूं कि भारत के राष्ट्रपति की दृष्टि में अर्थात् भारत…

‘फिर रोग-मुक्त होऊंगा… फिर लिखूंगा’

(फणीश्वरनाथ ‘रेणु’ का पत्र कमलेश्वर के नाम) 2/30, राजेंद्रनगर, पटना-16 (बिहार) ‘महाशिवरात्रि’ 6-3-70 ‘भाय! मैं 25/2 को अस्पताल से डेरे पर ‘चला’ आया हूं. चला आया हूं, मगर डेरे और अस्पताल में कोई विशेष अंतर नहीं पा रहा हूं. बीमार…

‘मुझे गद्दे पर सुलाया स्वयं खटेरे तखत पर सोये’

(शिवमंगलसिंह ‘सुमन’ का पत्र डॉ. रामविलास शर्मा के नाम)गनेश कॉलोनी, नया बाज़ार लश्कर, ग्वालियर 24 जुलाई, 45 प्रिय रामविलास, गर्मी की छुट्टियों में जो पत्र तुम्हारा आया था उसका अभी तक जवाब नहीं दे पाया, सम्भवतः तुम बहुत रुष्ट होगे,…

दिनकर का दर्द

‘कुरुक्षेत्र’, ‘हुंकार’, ‘रश्मिरथी’ ‘संस्कृति के चार अध्याय’ जैसी रचनाएं लिखनेवाले रामधारी सिंह ‘दिनकर’ के जीवन में त्रास, पीड़ा, कष्ट और यातनाएं कम नहीं रहीं. प्रस्तुत पत्र उस पीड़ा का परिचय देता है. यह पत्र उन्होंने अपने अंतरंग मित्र को, जो…

अनिवार्यता में उपजी रचना ही अच्छी होती है

(रिल्के का पत्र फ्रांज़ ज़ेवियर काप्पुस के नाम) पेरिस 17 फरवरी, 1903 प्रियवर, तुम्हारा पत्र कुछ दिन पहले मिला. मुझ पर इतना भरोसा रखा, कृतज्ञ हूं. इतना भर ही है जो मैं कर सकता हूं. तुम्हारी कविताओं पर बातचीत नहीं…