Category: नयी सामग्री

आंगन में बैंगन

♦  हरिशंकर परसाई   >  मेरे दोस्त के आंगन में इस साल बैंगन फल आये हैं. पिछले कई सालों से सपाट पड़े आंगन में जब बैंगन का फल उठा तो ऐसी खुशी हुई जैसे बांझ को ढलती उम्र में बच्चा हो…

पूछो उनसे मेरे देश….

♦  रणजीत   > मैं ईमानदारी से अपना दाम अदा करना चाहता हूं मेरे देश अपना सही-सही आयकर और उस पर तीन प्रतिशत शिक्षा कर भी कि किसी सुदूर गांव की पाठशाला की छत बरसात में टपके नहीं और इतमीनान से…

सीधी चढ़ान (सातवीं क़िस्त)

भूलाभाई का विद्यार्थी-जीवन बड़ा तेजस्वी था. 1899 में इतिहास का विषय लेकर बी.ए. में फर्स्ट क्लास में पास हुए. गोकुलदास तेजपाल बोर्डिंग के और एल्फिन्स्टन कॉलेज में साथ पढ़नेवालों को उन्होंने मुग्ध कर दिया था. खेल-कूद में भी बेजोड़ थे.…

सीधी चढ़ान (छठवीं क़िस्त)

जिन युवक सॉलिसिटरों ने मेरी मदद की, उनमें प्रथम थे नर्मदाशंकर     पार्वतीशंकर वकील, जमीयतराम काका के स्वर्गीय भाई के पुत्र. 1909 से 1933 तक, जब उनका स्वर्गवास हो गया, मैं उनका अत्यंत स्नेह-पात्र बना रहा. नरुभाई स्वभाव के शांत और…

सीधी चढ़ान (पांचवीं क़िस्त)

सन 1915 ई. की 12 वीं मार्च को, जब मैं माथेरान बम्बई के लिए चला, तब हर्षोन्मत्त-सा हो रहा था. ‘सेकंड क्लास’ में आया, मैंने नोट किया- हुरै फॉट सक्सेस एडवोकेट की परीक्षा में उस समय बहुत कम लोग बैठते…