कुलपति उवाच
03 आत्मसाक्षात्कार की घड़ी
के.एम. मुनशी
अध्यक्षीय
04 भारतीय इतिहास : पुनरावलोकन-भविष्य
सुरेंद्रलाल जी. मेहता
पहली सीढ़ी
11 बीज
सुरेश ऋतुपर्ण
धारावाहिक उपन्यास
102 योगी अरविंद (ग्यारहवीं किस्त)
राजेंद्र मोहन भटनागर
व्यंग्य
48 कोरोनाकाले जम्बूद्वीपे
शशिकांत सिंह `शशि’
शब्द-सम्पदा
136 `आना जी बादल ज़रूर’
विद्यानिवास मिश्र
आवरण-कथा
12 कोरोना और आदमी
सम्पादकीय
14 कोरोना के साथ और कोरोना के बाद जीवन
जितेंद्र भाटिया
18 धरती को फिर से स्वस्थ बनाने का अवसर
विमल मिश्र
23 कोरोना के बाद कहां तक है….
अनूप सेठी
27 पहली वैश्विक क्रांति….
शिवदयाल
34 पेड़ ही हैं गर्म होते ग्रहै….
ग्रीम पी बर्लिन
37 लौट चलो प्रकृति की ओर
विजयदत्त श्रीधर
आलेख
52 सांस्कृतिक प्रभुत्ववाद और हमारा मीडिया
व्यासमणि त्रिपाठी
71 इलाहाबाद का अभिनंदन युग
कमलेश्वर
77 तरु की छाया में
प्रयाग शुक्ल
86 हिंदी आलोचना की भरोसेमंद आवाज़
राकेश रंजन
123 एक था चैप्लिन, एक था गांधी
126 मनुष्य की आत्मा को पंख मिल गये हैं
हेमंत
138 किताबें
कथा
41 जल है तो कल है
संजय भारद्वाज
61 क्वारंटीन
राजिंदर सिंह बेदी
79 जाने देंगे तुम्हें
कुंदनिका कापड़िया
90 अप्रैल की एक ख़ुशगवार सुबह….
हारूकी मुराकामी
कविताएं
95 हमारे पास मत आओ!
बोधिसत्व
98 कोरोवायरस
विवियन
101 सन्नाटा
अनिल जोशी
121 साक्षी रहें बुद्ध
मायामृग
समाचार
140 भवन समाचार
144 संस्कृति समाचार