।। आ नो भद्राः क्रतवो यन्तु विश्वतः।। एक खत चांद सूरज दो दवातें कलम ने डोबा लिया लिखतम् तमाम धरती पढ़तम् तमाम धरती। सांइसदानो, दोस्तो! गोलियां, बंदूकें, एटम बनाने से पहले इस खत को पढ़ लेना हुक्मरानो, दोस्तो गोलियां,…
Category: चर्चित स्तंभ
पावनता धर्म का सार है
♦ जे. कृष्णमूर्ति > यदि आप एक तूफान के बाद नदी के किनारे बैठे हों, तो आप देखते हैं कि जल-धारा ढेर सारा मलबा बहाकर ले जा रही है. इसी प्रकार आपको अपनी हर गतिविधि को सावधानी से देखना…
समंदर पर पुल बांधने का वक्त
♦ देवेंद्र इस्सर > पहले एक किस्सा सुनिएः काफी हाउस में एक दिन उसकी मुठभेड़ एक वेटर से हो गयी जो रामपुर का था. कहने लगा कि इंतज़ार साहब, आपने अपनी कहानियों में जो ज़बान लिखी है वह हमारे…
सप्तपर्ण उर्फ़ छतिवन
♦ नारायण दत्त > डॉ. परशुराम शुक्ल ने अपने लेख ‘पश्चिम बंगाल का राज्य वृक्ष सप्तपर्ण, (फरवरी अंक) में यह ठीक कहा है कि सप्तपर्ण की फुनगी में सदा सात ही पत्ते नहीं होते. मैंने कितनी ही फुनगियों में…
महाराष्ट्र का राज्यवृक्ष – आम
♦ डॉ. परशुराम शुक्ल > आम को फलों का राजा कहा गया है. इसके वृक्ष उत्तर भारत में तराई वाले स्थानों से लेकर दक्षिण भारत में कन्याकुमारी तक और पश्चिम में पंजाब से लेकर पूर्व में असम तक पाये जाते…