Category: चर्चित स्तंभ

समष्टि कामना की सामूहिक अभिव्यक्ति   – लक्ष्मीकांत वर्मा

महाशिवरात्रि तमस तांडव का लोक में एक और रूप पाया जाता है जिसका नाम ही प्रेरणा है. इसमें प्रपन्न नृत्य के सभी अंगहारों और पदों, गतियों भ्रामरी की चाल अधिक सरल और सुगम रूप में प्रस्तुत किये जाते हैं. तमस…

हम सूरज के टुकड़े (पहली सीढ़ी) फरवरी 2016

।। आ नो भद्राः क्रतवो यन्तु विश्वतः।।   जैसे निहाई पर लोहे का पत्थर ढाला जाता है वैसे ही हम नये दिन ढालेंगे ताकत और पसीने से नहाये हुए हम पाताल में उतरेंगे और धरती के गर्भ से नया वैभव जीत…

धर्म ईमान का पहरुआ है – डॉ. दुर्गादत्त पाण्डेय

चिंतन बुनियादी प्रश्न यह है कि क्या विश्व का जनमानस धर्म को बाहरी लबादा समझकर जब चाहे उतारकर फेंक सकता है? क्या धर्म मात्र ‘फैशन’ की चीज़ है? हकीकत तो यह है कि धर्म हमारे भीतर पैठा हुआ जीवंत भाव…

आंध्र प्रदेश की राजकीय मछली : कोर्रा मत्ता  –   डॉ. परशुराम शुक्ल

राज-मछलियां ताज़े पानी की विलक्षण मछली सर्पशीश को अंग्रेज़ी में स्नेक हेड कहते हैं. इसका सिर बड़ा और सांप की तरह होता है, अतः इसे यह नाम दिया गया है. पुरानी दुनिया की यह मछली एशिया और अफ्रीका के बहुत…

आया वसंत (पहली सीढ़ी) फरवरी 2016

                पहली सीढ़ी ।। आ नो भद्राः क्रतवो यन्तु विश्वतः।।   फूलों की क्यारी भरी हुई वह घास वहां फिर हरी हुई. उड़ रही तिललियां चिड़ियां जो वे लगती जैसे तिरी हुई आया वसंत… …