Category: विधाएँ

सपने में देखा

⇐  रबी आरोन लीब  ⇒   उस रात सपने में मैं स्वर्ग के फाटक पर खड़ा था. तभी एक धर्माचार्य आया और स्वर्ग के द्वाररक्षक फरिश्ते से बोला- ‘मुझे स्वर्ग में प्रवेश मिलना चाहिए. मैं दिन-रात धर्मग्रंथों का स्वाध्याय करता…

सात स्वरों की स्वर्ग-सृष्टि

⇐  डॉ. सुरेशव्रत राय  ⇒    बंगले का पोर्टिको लांघकर मैं बरामदे में पहुंचा ही था कि सामने के कमरे का परदा हिला, और एक सज्जन ने बाहर आकर मुझसे पूछा- ‘कल आपने ही सिद्धेश्वरीजी से मिलने का समय लिया था…

रोशनियां और रात

⇐  सुखबीर  ⇒        यह सातवां या आठवां स्केच है, जो मैं अभी-अभी बनाकर हटा हूं. पर वह बात, जो मैं कहना चाहता हूं, इसमें कही नहीं जा सकी है. रेखाएं हैं, कोण हैं, गोलाइयां हैं, और प्रभाववादी ढंग से…

नीरव गीत

⇐  पॉल गैलिको  ⇒        (कुरूप तन एवं उजले मन वाले कलाकार, अबोध ग्रामबाला और हिम-प्रदेश के पक्षी के सुकुमार सम्बंधों की काव्यमयी कथा, द्वितीय विश्वयुद्ध की पृष्ठभूमि पर.)     ग्रेट मार्श याना बड़ा दलदल एसेक्स के समुद्र-तट पर…

महानता की छोटी-छोटी झांकियां

⇐  सुखबीर द्वारा संकलित  ⇒       प्रसिद्ध दार्शनिक देकार्त से एक बार किसी ने दुर्व्यवहार किया, मगर देकार्त ने उसे कुछ न कहा. इस पर एक मित्र कहने लगे- ‘तुम्हें उससे बदला लेना चाहिये था, उसका सलूक बहुत बुरा था.’…