⇐ रबी आरोन लीब ⇒ उस रात सपने में मैं स्वर्ग के फाटक पर खड़ा था. तभी एक धर्माचार्य आया और स्वर्ग के द्वाररक्षक फरिश्ते से बोला- ‘मुझे स्वर्ग में प्रवेश मिलना चाहिए. मैं दिन-रात धर्मग्रंथों का स्वाध्याय करता…
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सात स्वरों की स्वर्ग-सृष्टि
⇐ डॉ. सुरेशव्रत राय ⇒ बंगले का पोर्टिको लांघकर मैं बरामदे में पहुंचा ही था कि सामने के कमरे का परदा हिला, और एक सज्जन ने बाहर आकर मुझसे पूछा- ‘कल आपने ही सिद्धेश्वरीजी से मिलने का समय लिया था…
रोशनियां और रात
⇐ सुखबीर ⇒ यह सातवां या आठवां स्केच है, जो मैं अभी-अभी बनाकर हटा हूं. पर वह बात, जो मैं कहना चाहता हूं, इसमें कही नहीं जा सकी है. रेखाएं हैं, कोण हैं, गोलाइयां हैं, और प्रभाववादी ढंग से…
नीरव गीत
⇐ पॉल गैलिको ⇒ (कुरूप तन एवं उजले मन वाले कलाकार, अबोध ग्रामबाला और हिम-प्रदेश के पक्षी के सुकुमार सम्बंधों की काव्यमयी कथा, द्वितीय विश्वयुद्ध की पृष्ठभूमि पर.) ग्रेट मार्श याना बड़ा दलदल एसेक्स के समुद्र-तट पर…
महानता की छोटी-छोटी झांकियां
⇐ सुखबीर द्वारा संकलित ⇒ प्रसिद्ध दार्शनिक देकार्त से एक बार किसी ने दुर्व्यवहार किया, मगर देकार्त ने उसे कुछ न कहा. इस पर एक मित्र कहने लगे- ‘तुम्हें उससे बदला लेना चाहिये था, उसका सलूक बहुत बुरा था.’…