Category: विधाएँ

‘मुझे हवाओं में मिल जाने दें’

(रेहाना जब्बारी का संदेश उनकी मां के नाम) रेहाना जब्बारी के बारे में दुनिया को पहली बार 2007 में पता चला. तब उनकी उम्र महज 19 साल थी. उन्हें हत्या के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था. रेहाना का कहना…

दुनिया के छह सर्वाधिक पढ़े गये पत्र

(पत्र अक्सर गोपनीय होते हैं, ताकि वही उन्हें पढ़े जिसके लिए वे लिखे गये हैं, पर खुले पत्रों का भी एक बहुत बड़ा इतिहास है. ये पत्र इसलिए लिखे जाते हैं, ताकि अधिकाधिक लोग उन्हें पढ़ सकें- पढ़ें. यहां प्रस्तुत…

‘माफी मांगने से अच्छा है मौत हो जाये’

 गणेशशंकर विद्यार्थी (महान पत्रकार एवं देशभक्त गणेशशंकर विद्यार्थी के ये तीन पत्र उस चेतना का प्रतीक हैं जो आज़ादी की लड़ाई के दौरान देश के मानस को प्रभावित कर रही थी.) (पत्नी के नाम) मेरी परम प्यारी प्रकाश, कल तुम्हारा…

अश़फाक का पत्र देशवासियो के नाम

(अश़फाक का पत्र देशवासियो के नाम) मेरे प्यारे देशवासियो, भारत माता को आज़ाद करवाने के लिए रंगमंच पर हम अपनी भूमिका अदा कर चुके हैं. गलत किया या सही, हमने जो भी किया, स्वतंत्रता पाने की भावना से प्रेरित होकर…

दो अंतिम पत्र

(स्वतंत्रता-सेनानी रामप्रसाद बिस्मिल और उनके साथियों अश़फाक उल्ला खां, राजेंद्र लाहिड़ी, ठाकुर रोशनसिंह को काकोरी कांड के लिए 19 दिसम्बर, 1927 में फांसी दी गयी. फांसी के तख्ते पर चढ़ने से तीन दिन पूर्व रामप्रसाद ने अपने माताजी को और…