कुलपति उवाच
03 मुझे अपना गीत गाने दो
के.एम. मुनशी
अध्यक्षीय
04 शक्ति की आराधना
पहली सीढ़ी
11 एक फूल का जन्म
अतानास वांगेलोव(यूनानी कवि)
आवरण-कथा
12 भीतर आग जलाये रखना
सम्पादकीय
14 मैं लड़ सकती हूं
सुदर्शना द्विवेदी
19 लड़कियों की तनी हुई मुट्ठियां देखें
सुधा अरोड़ा
24 कारवां हमारा है, कदम कदम बढ़ाना है
मधु कांकरिया
29 अस्मिता का संघर्ष जारी है
मीनाक्षी जोशी
33 मैं सरहद पर खड़ी दीवार नहीं…
निवेदिता मेनन
39 एक लड़ाई ाढांतिज्योति सावित्री की!
संजय भारद्वाज
43 स्त्राr की जीत चाहिए
संतोष श्रीवास्तव
व्यंग्य
112 सांड रह्यो पगुराय
शशिकांत सिंह `शशि‘
शब्द-सम्पदा
136 किसके `उर’ में?
अजित वडनेरकर
आलेख
51 भारतीयता और बहुलता
रघु ठाकुर
60 दिशाओं के बहाने
योगेंद्र कृष्णा
63 पत्थर बोलते हैं
योगिंदर के. अलघ
72 प्रणाम!
ओमा द अक
79 शब्दांजलि
81 ज़ुबां खामोश है लेकिन नज़र कहती है अफसाना…
विश्वनाथ गोकर्ण
86 `आओ हम अर्थ की तलाश करें’
बालस्वरूप राही
93 भैया के सारे…
गोपालप्रसाद व्यास
94 बार्सिलोना का पिकासो संग्रहालय
अशोक भौमिक
107 अकबर इलाहाबादी जीत गये!
हेमंत शर्मा
123 स्त्राr का साहसिक समय और उसका रचना संसार
जितेंद्र भाटिया
कथा
66 बादाम
रंजना जायसवाल
116 भगोड़ा
स्टीफन ज़ीविग
127 क्या तुम मूसा सलमान को जानते हो?
खदीजा मरोआज़ी
138 किताबें
कविताएं
49 नयी सदी की औरत
अनुपम मोंगिया
50 अरे अभागे! प्रेम करके तो देख!
सरला माहेश्वरी
106 ख़तरा है
सौम्य मालवीय
समाचार
140 भवन समाचार
144 संस्कृति समाचार
आवरण चित्र
एम.एफ. हुसैन