कुलपति उवाच
03 विवेक का अंकुश
के.एम. मुनशी
अध्यक्षीय
04 अस्तित्व विचारों का प्रकटीकरण है
सुरेंद्रलाल जी. मेहता
प्रार्थना
08 आओ, मिलकर प्रार्थना करें
होमी दस्तुर
पहली सीढ़ी
11 आदमी ज़िंदा रहे
संजय मासूम
धारावाहिक उपन्यास
93 योगी अरविंद (बारहवीं किस्त)
राजेंद्र मोहन भटनागर
व्यंग्य
114 चंद्रमा का पृथ्वी भ्रमण
प्रियदर्शी खैरा
शब्दों का स़फर
128 दीवाना हुआ बादल…
अजित वडनेरकर
आवरण-कथा
12 ताकि आदमी ज़िंदा रहे
सम्पादकीय
14 मशीन के भीतर `चिप’ बन कर…
रामशरण जोशी
20 बड़े भाग मानुष तन पावा
विजय किशोर मानव
24 कुआं, पथिक और गुड़ का ढेला
विकास मिश्र
27 तभी मनुष्यता बचेगी
सरोज त्रिपाठी
31 मनुष्यता की त्रासदी
जवाहरलाल नेहरू
36 धारणीय जीवन शैली को अपनाना होगा
लालजी जायसवाल
आलेख
42 सभ्यता का संकट
जयश्री सिंह
45 धर्म, महामारी और चित्रकला !
अशोक भौमिक
49 आग का दरिया
परवेज अहमद
56 मानव स्वभाव करता अपूर्ण को पूर्ण
सुमित्रानंदन पंत
58 वह आती है उड़ जाती है फुर्र
प्रयाग शुक्ल
61 बॉक्सर, चिंआ और मिट्ठू
रीता दास राम
74 गुलज़ार के मिर्ज़ा गालिब
देवमणि पांडेय
81 शिव प्रथम नारीवादी हैं, दाम्पत्य के देवता हैं
डॉ. गरिमा संजय दुबे
89 दो जमा दो बराबर पांच
बाबक अनवरी
130 पुनर्दृष्टि इतिहास के एक पन्ने पर
132 अतियों के बीच झूलता व्यक्तित्व
वीरेंद्र कुमार बरनवाल
138 किताबें
कथा
54 आत्मविश्वास
हरिसुमन बिष्ट
85 कैंडल मार्च
रेणुका अस्थाना
118 आवाज़, जो सिमटकर रह गयी
शबनम कुमारी
कविताएं
40 मनुष्यता
मैथिलीशरण गुप्त
73 दोहे
विद्यारानी
92 ताबूत के शहर में
अनिल जोशी
समाचार
140 भवन समाचार
144 संस्कृति समाचार