बचपन गाथा ♦ यशपाल > दोपहर तक डौली कान्वेंट (अंग्रेज़ी स्कूल) में रहती है. इसके बाद उसका समय प्रायः पाया ‘बिंदी’ के साथ कटता है. मामा दोपहर में लंच के लिए साहब की प्रतीक्षा करती है. साहब जल्दी…
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जनवरी 2014
रंग चाहे तितली के हों या फूलों के, जीवन में विश्वास के रंग को ही गाढ़ा करते हैं. पर कितना फीका हो गया है हमारे विश्वास का रंग? पता नहीं कहां से घुल गया है यह मौसम हवा में कि…