उजाले के प्रति आस्था और विश्वास का यह स्वर वस्तुतः जीवन के प्रति उस लगाव की प्रतिध्वनि है, जो सांसों को परिभाषित भी करता है, और परिमार्जित भी. रात जब बहुत लम्बी हो जाती है तो भोर के उजाले के…
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अगस्त 2014
भारत का एक भूगोल है को भारत एक भूगोल है भी कहा जा सकता है और इसी तरह कहा यह भी जा सकता है कि भारत एक इतिहास है. पर भारत को परिभाषित करने की यह बात यहीं खत्म नहीं…
सितम्बर 2014
वर्ष : 62 अंक : 09 सितम्बर 2014 कुलपति उवाच व्यक्तित्व का विकास के.एम. मुनशी शब्द यात्रा ना यानी नहीं आनंद गहलोत पहली सीढ़ी और एक मुस्कान पॉल एलुआर आवरण-कथा सम्पादकीय सवाल भाषाई आत्मसम्मान का रघु ठाकुर हिंदी में…
फरवरी 2010
शब्द-यात्रा रंग में रंगा रंग आनंद गहलोत पहली सीढ़ी सखि, बसंत आया निराला आवरण-कथा सम्पादकीय ताकि जीवन में बसंत आये नर्मदा प्रसाद उपाध्याय प्रकृति के अध्यात्म का उत्सव है बसंत रमेश दवे चैत चित्त, मन महुआ नीरजा माधव बखौफ होकर…
मई 2010
भारतीय संस्कृति के प्रतीक पुरुषों में एक नाम रवींद्रनाथ ठाकुर का है. भले ही उन्हें दुनिया ‘गीतांजलि’ के गायक के रूप में ही पहचानती हो, लेकिन उनकी कविताओं का यह संग्रह उनका पूरा परिचय नहीं है. पचास से अधिक कहानी…