♦ नारायण गंगोपाध्याय खोजते-खोजते वेणु उस दुकान पर भी आ पहुंची. सांझ गहरी होती जा रही है. पास के सिनेमा-हाल के सामने मोटरें खड़ी हैं. सामने होटल की दीवार पर नियोन की निर्लज्ज घोषणा- ‘लेट्स गो…
♦ नारायण गंगोपाध्याय खोजते-खोजते वेणु उस दुकान पर भी आ पहुंची. सांझ गहरी होती जा रही है. पास के सिनेमा-हाल के सामने मोटरें खड़ी हैं. सामने होटल की दीवार पर नियोन की निर्लज्ज घोषणा- ‘लेट्स गो…