Category: चर्चित स्तंभ

परिक्रमा

सूर्य के चौगिर्द प्रदक्षिणा करती हमारी पृथ्वी ने फिर एक चक्कर पूरा कर लिया. लेकिन पृथ्वी केवल सूर्य के चौगिर्द ही नहीं घूमती. प्रकाश के देवता की प्रदक्षिणा करती-करती वह अपना भी चक्कर काटती, आनंद नृत्य करती जाती है. प्रकाश…

मैं हारने वाला नहीं हूं

‘कहिये, क्या हाल-चाल है?’…‘बस जी रहे हैं किसी तरह.’ भले मुंह से यह उत्तर न दें, मगर बहुत बार ऐसी ही बात उठती है हममें से बहुतों के मन में.     बहुधा जीवन आनंदहीन और बेस्वाद हो जाता है, क्योंकि…

गिनती के शब्द

आनंद गहलोत संख्यावाचक वैदिक शब्द; जो ध्वनि सुनते ही या सूरत देखते ही अनायास पहचाने जा सकते हैं, वे हैं– द्वि/द्व (दो), त्रि (तीन), षष (छह), अष्ट (आठ) नव (नौ). ‘द्वि’ लैटिन व यूनानी में ‘दुओ’, रूसी में ‘द्वा’ है.…

विचरण करते पशु-पक्षी (भाग-2)

आनंद गहलोत भारत में जो हालत प्राचीनतम ‘उक्षन्’ शब्द की हुई वही दूसरे प्राचीनतम ‘अश्व’(घोड़ा) की भी हुई. ईरानी भाषाओं में ‘अश्व’ थोड़ा-सा ध्वनि भेद होकर ‘अस्प’ रूप में आम बोलचाल का शब्द है. लेकिन भारत में जनसामान्य की भाषा…

विचरण करते पशु-पक्षी (भाग-1)

आनंद गहलोत विश्व की अधिकांश भाषाओं में पशुवाची शब्दों का रक्त सम्बंध रहा है- गो (गाय) और अंग्रेज़ी की ‘काउ’ की तरह. संस्कृत का उक्षन् (बैल) यूरोप में ‘ऑक्सेन’ हो गया. संस्कृत का ‘उष्ट्र’ फ़ारसी में ‘उश्तुर’ हो गया. अरब…