कुलपति उवाच
03 भारत-माता
के.एम. मुनशी
अध्यक्षीय
04 पूर्णता ही सर्वोच्च वास्तविकता है
सुरेंद्रलाल जी. मेहता
पहली सीढ़ी
11 कामना
श्रीनरेश मेहता
व्यंग्य
43 मॉल में बसंत
शशिकांत सिंह शशि
शब्द-सम्पदा
138 गरीब की दुहाई, सामंत का आँगन और हाय-हलो
अजित वडनेरकर
आलेख
47 बापू का अध्यात्म
रमेश थानवी
55 `एक कर्मशिल्प उतना सघन …..
शेषराव चव्हाण
68 `मोर दिन’ कहां गये?
प्रयाग शुक्ल
79 अहिंसक प्रतिवेदन
कृष्ण कुमार
आवरण-कथा
12 आओ, बसंत, मेरे घर आओ
सम्पादकीय
14 घिसे-पिटे बसंत का नया संस्कार करें!
विजय किशोर मानव
19 हे बसंत, लौट आओ
लक्ष्मीशंकर वाजपेयी
23 बसंत को हाथ पकड़ कर लाना पड़ता है
जयश्री सिंह
27 सार्थकता बसंत की
विद्यानिवास मिश्र
28 बसंत आ गया है!
हजारी प्रसाद द्विवेदी
30 बसंत का रंग-बिरंगा प्रजातंत्र
श्यामसुंदर दुबे
35 प्रकृति और पुरुष की आदिम बसंत-कथा
श्रीराम परिहार
38 प्रकृति का उत्सव
डॉ. पुष्पा रानी गर्ग
82 वह आशा के आलोक में उड़ रहा है!
चार्ली चैप्लिन
85 …जहां हिंदी जन बसते
ममता कालिया
98 महिषादल में महाप्राण निराला
संतन कुमार पांडेय
104 विश्व का अनहोना काव्य
माखनलाल चतुर्वेदी
108 सम्पादन अत्यधिक तकनीकी ….
नारायण दत्त
116 महल और झोंपड़े
के. एम. पणिक्कर
127 न सिर्फ उपन्यास, न कोरा इतिहास
136 किताबें
कथा
70 तोहि उरिन मैं नाहि
मालती जोशी
94 बलि
सूर्यकांत नागर
114 हंस
स्लावोमीर मोज़ेक
120 आलू
हरि मृदुल
129 चिराग टिमटिमा रहा था (उपन्यास अंश)
शाज़ी ज़मां
कविताएं
22 बसंत
केदारनाथ सिंह
40 स्वाध्याय कक्ष में बसंत
हरिवंशराय बच्चन
67 रूठ जायेगा बसंत
रश्मि धवन
97 नवगीत
डॉ. इसाक `अश्क’
समाचार
140 भवन समाचार
144 संस्कृति समाचार