Category: पिछले अंक

अप्रैल 2011

              शब्द-यात्रा सूत्रों की खबर आनंद गहलोत पहली सीढ़ी आओ, सौ बरस जियें हरीश भादानी आवरण-कथा वह स्वर जो कभी व्यतीत नहीं होता सुनीता बुद्धिराजा …यूं लगता जैसे धरती और आकाश गूंज रहे हों…

मार्च  2011

कहते हैं यह त्यौहार पिछली कटुताओं को भुलाकर रिश्तों के नये समीकरण बनाने का होता है. होली में किसी के चेहरे पर काला रंग लगाकर हम चेहरे पर कालिख नहीं पोतते, रिश्तों के रंगों को नये अर्थ देते हैं. यह…

फरवरी 2011

बहुचर्चित राडिया-कांड की एक सचाई यह भी है कि मीडिया की कथित मुख्यधारा ने शुरू में इसको काफी अनदेखा किया. फिर दो पत्रिकाओं ने इस मुद्दे को उछाला. इस बीच एक महत्त्वपूर्ण बात यह भी हुई कि सोशल नेटवर्किंग, अर्थात…

जनवरी 2011

इस बार हम आपके लिए हिंदी की उन कथाओं का गुलदस्ता लेकर उपस्थित हैं, जिन्होंने स्वतंत्रता-प्राप्ति के बाद के काल में हमारे कथा-साहित्य के बगीचे को महकाया है. ‘नवनीत’ का यह विशेषांक ऐसी ग्यारह कहानियों का संकलन है, जिन्होंने हमारे…

दिसम्बर 2010

इतिहास अर्थात जो हुआ था, वह. लेकिन जो हुआ था का नाम ही इतिहास नहीं है. इसी तरह इतिहास को समझने का मतलब अतीत को समझना मात्र ही नहीं होता. सच पूछा जाए तो इतिहास की समझ हमें वर्तमान को…