इंटरनेट और बदलते वैश्विक संदर्भों ने अंग्रेज़ी को जो अतिरिक्त महत्त्व दे दिया है, उसे स्वीकारते हुए भी यह समझना आसान नहीं है कि अपनी भाषाओं को हेय अथवा कमतर समझना क्यों ज़रूरी है! ज़रूरी तो यह है कि हम…
Category: पिछले अंक
अगस्त 2011
स्वाधीनता व्यक्ति को पूरा मनुष्य बनाने की चेतना का ही नाम है. यही चेतना हमें उन दायित्वों से भी जोड़ती है जो एक स्वतंत्र देश के नागरिक के नाते हमारे हिस्से में आते हैं. समता, स्वतंत्रता, न्याय और बंधुता पर…
जुलाई 2011
एक बार फिर विज्ञान और ईश्वर आमने-सामने हैं. एक ओर वैज्ञानिक ईश्वर-तत्त्व की खोज में लगे हैं, तो दूसरी ओर भगवान को इनसान की कल्पना मानने वाले वैज्ञानिक भी हैं. सवाल उठता है कि सच क्या है? पर सवाल यह…
जून 2011
शब्द-यात्रा चंद्रकथा आनंद गहलोत पहली सीढ़ी साहस उमर अली आवरण-कथा अस्तित्व के आधार वन चंडी प्रसाद भट्ट मानव के अग्रज केदारनाथ अग्रवाल चिपको से एम्पिकों तक चं. प्र. जंगलों को गाने दो किशोरीलाल…
मई 2011
राजनीति को बदमाशों की अंतिम शरणस्थली बताया गया है और आज की राजनीति को देखते हुए यह कहना भी गलत नहीं लगता कि प्यार और युद्ध की तरह राजनीति में भी सबकुछ जायज़ मान लिया गया है. लेकिन ऐसा मान…