♦ सुखबीर द्वारा संकलित प्रसिद्ध दार्शनिक देकार्त से एक बार किसी ने दुर्व्यवहार किया, मगर देकार्त ने उसे कुछ न कहा. इस पर एक मित्र कहने लगे- ‘तुम्हें उससे बदला लेना चाहिये था, उसका सलूक बहुत बुरा…
Category: लघुकथाएं
एक ही प्रभु की देन
ज्ञान का सूर्य जिनके हृदय में चमक रहा हो, वे वाद और वितंडा में पड़ना पसंद नहीं करते. पहाड़ की चोटी पर खड़े मनुष्य को नीचे के सभी पेड़-पौधे एक-से ही नजर आते हैं. ब्राह्म समाज के प्रसिद्ध उपदेशक…
सार्थकता
⇐ वचनेश त्रिपाठी ⇒ नदी में हाथी की लाश बही जा रही थी. नदी तीव्र वेग से महासागर की ओर बढ़ी जा रही थी. एक कौवे ने लाश को देखा, तो प्रसन्न हो उठा, तुरंत उस पर…
सपने में देखा
⇐ रबी आरोन लीब ⇒ उस रात सपने में मैं स्वर्ग के फाटक पर खड़ा था. तभी एक धर्माचार्य आया और स्वर्ग के द्वाररक्षक फरिश्ते से बोला- ‘मुझे स्वर्ग में प्रवेश मिलना चाहिए. मैं दिन-रात धर्मग्रंथों का स्वाध्याय करता…
महानता की छोटी-छोटी झांकियां
⇐ सुखबीर द्वारा संकलित ⇒ प्रसिद्ध दार्शनिक देकार्त से एक बार किसी ने दुर्व्यवहार किया, मगर देकार्त ने उसे कुछ न कहा. इस पर एक मित्र कहने लगे- ‘तुम्हें उससे बदला लेना चाहिये था, उसका सलूक बहुत बुरा था.’…