शब्द-यात्रा ‘कुर्बान’ से बलिदान तक आनंद गहलोत पहली सीढ़ी एक अकेली एक चेतना हरीश भादानी आवरण-कथा अंधे-अंधेरे समय में नैतिक प्रतिज्ञाओं को बचाना है नंद चतुर्वेदी सज्जनों का मौन गज्यादा खतरनाक है न्यायमूर्ति चंद्रशेखर धर्माधिकारी उन्मादी नहीं जानते वे क्या कर…
Tag: धर्म
मई 2008
शब्द-यात्रा तपिश दिल की बुझा लेना आनंद गहलोत पहली सीढ़ी चल अकेला रे… रवींद्रनाथ ठाकुर आवरण-कथा आगे बढ़ना है तो चलना ही पड़ेगा डॉ. कन्हैयालाल नंदन सभ्यता में पहिया अनूप सेठी साइकिल-चिंतन विजय कुमार तब जीवन का छंद कविता बनता…
उत्तरित प्रश्न
♦ आचार्य रजनीश प्रश्न- धार्मिक व्यक्ति का व्यावहारिक जीवन किस प्रकार का होता है? उत्तर- पहली बात तो यह है कि धार्मिक व्यक्ति के जीवन में व्यावहारिक और पारमार्थिक ऐसे खंड नहीं होते हैं. धार्मिक जीवन…
जनवरी 2012
स्वर्गीय श्रीगोपाल नेवटिया ने जनवरी 1952 में हिंदी का यह डाइजेस्ट देश को समर्पित किया था. उन्होंने पत्रिका के पहले सम्पादकीय में लिखा था- “नवनीत ज्ञान-विज्ञान और उनके सत्साहित्य की चुनी हुई जलधाराओं के अंशों को अपने घट में भरेगा……