Category: आत्मकथांश

आधे रास्ते (दूसरी क़िस्त)

काशीराम काका के पुत्र नवनिधिराम भी वकील थे. वे टीला छोड़कर पास ही के मुहल्ले में एक हवेली में जा रहे थे. वेस्वभाव से सतोगुणी और संतोषी थे. अनूपराम मुन्शी के दो पुत्र हवेली में ही. रहते थे. वे अलग…

आधे रास्ते (आत्मकथा) पहला खंड

गुजराती अस्मिता को रूपाकार देने वाले कनैयालाल माणिकलाल मुनशी वस्तुतः बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे. एक राजनेता, एक संविधानविद, एक कानूनविद, एक कर्मठ कार्यकर्ता के साथ-साथ वे अपने समय के प्रतिनिधि साहित्यकार भी थे. उनकी कहानियां, उपन्यास आदि आज गुजराती-साहित्य…

आपका स्वागत है

♦ कोनराड हिल्टन           मैं टेक्सास में पैदा नहीं हुआ. लेकिन अमरीका की टेक्सास के गवर्नर मुझे ‘टेक्सन आफ डिस्टिंक्शन’ (विशिष्ट टेक्सासवासी) की मानद उपाधि देना चाहते थे. कारण, मेरा जन्म सान एंटोनियो में हुआ था और…

रजतपट पर मेरे पचीस वर्ष

♦  बलराज साहनी           फिल्मों में काम करते हुए मुझे पच्चीस वर्ष हो गये हैं. अब तक सवा सौ से ऊपर फिल्मों में काम कर चुका हूं. ऐसे मौके पर जश्न मनाना बहुत उपयुक्त और सौभाग्यपूर्ण समझा…

किटी हाक में मेरा कैमरा

⇐  ह्यू गो पी. कुक  ⇒        ‘ह्यूगो, तुम्हारे लिए एक काम है’, मर्फी ने रहस्यपूर्ण दृष्टि से मेरी और देखते हुए कहा. उसकी इस बात से मैं कल्पना कर सकता था कि काम क्या होगा- वह किसी उत्सव…