दिसम्बर-2020

कुलपति उवाच 

03 मनुष्यत्व से देवत्व

के.एम. मुनशी

अध्यक्षीय

04 विचार और भावनाएं

सुरेंद्रलाल जी. मेहता

पहली सीढ़ी

11 मैं हिंदुस्तान हूं

धूमिल

धारावाहिक उपन्यास 

110 योगी अरविंद (अंतिम किस्त)

राजेंद्र मोहन भटनागर

व्यंग्य

124 जाने वाले हो सके तो लौट न आना 

शशिकांत सिंह `शशि’

शब्द-सम्पदा

136 सत्तू-प्रेम या सत्तू-आसक्ति

अजित वडनेरकर

आवरण-कथा

12 मैले आंचल की छांह

सम्पादकीय

14 रेणु जीवन का `अपरूप रूप’ रचते हैं 

शिवदयाल 

21 रेणु का बचपन

भारत यायावर

33 राग, रंग, गंध की रहस्यमयी दुनिया

जयश्री सिंह

38 `साबार ऊपरे मानुष सत्य ताहर ऊपरे किछु नाई’

42 कितनी खरी थी रेणु की दुनिया

अज्ञेय

आलेख 

76 हम ही हैं हिंदू और मुसलमान

अजय ब्रह्मात्मज

80 एक अव्यक्त निवेदन

डॉ. धर्मवीर भारती

83 गुलकी बन्नो

डॉ. धर्मवीर भारती

98 आशा के आसमान में उमंग की अनकटी पतंग!

हेमंत शेष

129 सांझा पीर

डॉ. नरेश

132 सतत कर्म साधना ही कर्मयोग है

डॉ. राजाराम गुप्ता

138 किताबें

कथा

48 जलवा

फणीश्वरनाथ `रेणु’ 

56 जै गंगा! (रिपोर्ताज) 

फणीश्वरनाथ `रेणु’ 

64 नेपथ्य का अभिनेता 

फणीश्वरनाथ `रेणु’ 

कविताएं

70  रेणु की कविताएं

समाचार

140 भवन समाचार

144 संस्कृति समाचार

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