कुलपति उवाच
03 शब्द और कर्म
के.एम. मुनशी
अध्यक्षीय
04 अपने आप पर नियंत्रण रखो
सुरेंद्रलाल जी. मेहता
पहली सीढ़ी
11 अबकी बार लौटा तो
कुंवर नारायण
व्यंग्य
118 राजा के आंसू
शशिकांत सिंह `शशि’
शब्द-सम्पदा
134 कभी नाव पर (भाग-2)
विद्यानिवास मिश्र
आवरण-कथा
12 अधिकार मनुष्य का
सम्पादकीय
14 सवाल मानव की प्रतिष्ठा का है
कैलाश चंद्र पंत
21 संस्कृति, परम्परा और मानव अधिकार
इंद्रनाथ चौधुरी
30 ऐसी दुनिया चाहिए, जहां गैर बराबरी…
गोविंद सिंह
34 हमारे अधिकार, हमारे कर्त्तव्य
सोली जे. सोराबजी
37 मानव अधिकारों के तीन सिपाही
विमल मिश्र
आलेख
44 किसानी का संकट और मीडिया
पी. साईनाथ
64 देश का चेहरा धर्मनिरपेक्ष होना चाहिए
कृष्णा सोबती
67 धर्म-निरपेक्षता के दर्जे
सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन `अज्ञेय’
72 साहित्य का अंतिम फल
वासुदेव शरण अग्रवाल
75 समुद्र तट की स्मृतियां
प्रयाग शुक्ल
80 `हमसे नज़रिया काहे फेर ली?’
होमी दस्तूर
82 रे बाबुल मोरा नैहर छूटो ही जाए…
विश्वनाथ गोकर्ण
95 साहित्य में जीवित ऐतिहासिक रूप-कथाएं
शरद पगारे
101 एक विकल मन और क्लासिक अनुशासन
विजय कुमार
116 शिक्षा हर नागरिक की ज़िम्मेदारी हैं
सद्गुरु जग्गी वासुदेवन
126 `मैंने क्या पढ़ा और सीखा’
प्रेमचंद
130 इबादत
जयंत माडगावकर
132 किताबें
कथा
56 जननी
मालती जोशी
85 मैं क्लीव नहीं हूं!
रेणुका अस्थाना
104 खिड़कियां
दामोदर खड़से
कविताएं
71 दीने-आदमीयत
जोश मलीहाबादी
74 तीन ग़ज़लें
विज्ञान व्रत
94 ये हवाएं
रश्मि धवन
127 गांव क्यों छोड़ा
सूर्यभानु गुप्त
समाचार
136 भवन समाचार
144 संस्कृति समाचार