जनवरी 2009

Jan.

 

 

 

 

 

 

 

शब्द-यात्रा

‘लकीर’ की लक्ष्मण-रेखा
आनंद गहलोत

पहली सीढ़ी 

हे पथिक
हरीश भादानी 

आवरण-कथा

कालजयी साहित्य की पहचान
रमेशचंद्र शाह
सारा साहित्य कालजयी क्यों नहीं होता?
डॉ. आनंदप्रकाश दीक्षित

संदेश

आलेख

जब कहानी जीवन का सच बनती है, तब…
हिमांशु जोशी
संतुष्टि की नयी ऊर्जा देती कहानी
चित्रा मुद्गल
कितना कुछ कह जाता है एक परदा और उसका गिरना
ज्ञान चतुर्वेदी
‘फूलो का कुर्ता’ रोमांटिसाइज़ेशन नहीं, चेतावनी है
गिरिराज किशोर
एक छटपटाहट को समझने की अप्रतिम कोशिश
सूर्यबाला
समय और स्थान की सीमाओं का उल्लंघन करती आकाशीय गरिमा
जगदम्बा प्रसाद दीक्षित
त्री की शाश्वत सकारात्मक भूमिका का सार्थक निर्वाह
सुधा अरोड़ा
जिन सम्बंधों से जीवन नाम की कहानियां फूटती हैं
अचला नागर
कला और यथार्थ की टीस देता पितृऋण
ओमा शर्मा
एक अद्भुत चोरी का अद्भुत चित्रण
डॉ. दामोदर खड़से
गंगा संकट में है
डॉ. चंद्रशीला गुप्ता
मान के बदलते चेहरे
डॉ. दुर्गादत्त पाण्डेय
ज्ञानपीठ पुरस्कार के बहाने
डॉ. कन्हैयालाल नंदन
पश्चिम बंगाल का राज्यपक्षी – श्वेतग्रीवा किलकिला
डॉ. परशुराम शुक्ल
चेहरे
डॉ. रामनारायण सिंह ‘मधुर’
किताबें

धारावाहिक-उपन्यास (भाग-8)

महात्मा विभीषण
सुधीर निगम 

कहानियां

उसने कहा था
चंद्रधर शर्मा गुलेरी
बालक
प्रेमचंद
परदा
यशपाल
फूलो का कुर्ता
यशपाल
ग्रामीणा
सुभद्रा कुमारी चौहान
शरणदाता
अज्ञेय
त्री सुबोधिनी
मन्नू भंडारी
वापसी
उषा प्रियंवदा
पितृऋण
प्रभु जोशी

कविताएंं

रश्मि धवन  की  कविता
डॉ. हरीश निगम की दो कविताएं
कुंवरनारायण की कुछ कविताएं
तौसिफ सत्यमित्रम् की दो कविताएं

समाचार

संस्कृति समाचार
भवन के समाचार

आवरण चित्र

‘एसेंस’
चरन शर्मा