फरवरी 2009

Feb Cover-09 - (front Positive) Final

 

 

 

तू इधर-उधर की न बात कर,
यह बता कि काफ़िला क्यों लुटा;
मुझे रहज़नी का गिला नहीं,
तेरी रहबरी का सवाल है…

 

शब्द-यात्रा

‘वीणा’ से निकला ‘प्रवीण’
आनंद गहलोत

पहली सीढ़ी 

राह का अंत न नाप
जैनेंद्र कुमार

आवरण-कथा

तेरी रहबरी का सवाल है
संपादकीय
क्या हम सचमुच नायक-शून्य है ?
राजकिशोर
आवश्यकता है एक जनोन्मुखी नेतृत्व की
रामशरण जोशी
नेतृत्व का संकट
प्रो. सिद्धेश्वर प्रसाद
 क्या यह नेतृत्व हमारी नियति है?
नगीनदास संघवी
राजनीतिक मंच पर परेशान हैमलेट
शरद जोशी

मेरी पहली कहानी

कन्या
उर्मिला शिरीष

आलेख

मृत्युशैया पर पड़ी है सभ्यता
मस्तराम कपूर
अर्थहीन हो गयी है जाति-व्यवस्था
डॉ. शांति स्वरूप गुप्त
‘हिंदी बनाओ’ की चुनौती स्वीकार करनी होगी
योगेंद्र यादव
मैं कौन हूं? क्यों यहां हूं इनका उत्तर विज्ञान नहीं दे सकता
सर जॉन एक्लीज़
दादा रोज़ लंकाकाण्ड का पाठ करते थे
ज्ञानप्रकाश सोनी
शिक्षा के भटकाव
गंगाप्रसाद विमल
गोला-बारूद के धुएं में कला की जोत
निर्मला डोसी
गुजरात का राज्यपक्षी – हंसावर
डॉ. परशुराम शुक्ल
मैं समझ गयी मुझे समझ नहीं आया
पद्मा सचदेव
सम्यक् सोच के मालिक बनें
साध्वी अणिमाश्री
ध्वनि से तेज़ और ध्वनिरहित विमान बनते थे भारत में
राजशेखर व्यास
किताबें

धारावाहिक-उपन्यास (भाग-9)

महात्मा विभीषण
सुधीर निगम 

कहानियां

क्या नाम रखें उस चांद की कॉलोनी का
गौरी देशपांडे
खलासी
शतदल
विट्ठला!  विट्ठला!!
रतिलाल शाहीन
गंगास्नान (बोधकथा)
श्रीकांत कुलश्रेष्ठ

कविताएंं

हम उसको कहते हैं नेता
गोपाल प्रसाद व्यास
आग
मृगेंद्र राय
पांच कविताएं
राजकुमार कुम्भज
गीत
अनंत चौरसिया

समाचार

संस्कृति समाचार
भवन के समाचार