Tag: Narayan Dutt

सप्तपर्ण उर्फ़ छतिवन

♦  नारायण दत्त    > डॉ. परशुराम शुक्ल ने अपने लेख ‘पश्चिम बंगाल का राज्य वृक्ष सप्तपर्ण, (फरवरी अंक) में यह ठीक कहा है कि सप्तपर्ण की फुनगी में सदा सात ही पत्ते नहीं होते. मैंने कितनी ही फुनगियों में…

अंतिम प्रणाम

♦  नारायण दत्त  >   अभावों और असुविधाओं से जूझते हुए अपने व्यक्तित्व को अपने हाथों गढ़ना और जीवन-पथ पर अविचल भाव से आगे बढ़ते जाना आदमी के आत्मबल को सूचित करता है. मेरे मित्रों और सहकर्मियों में श्री गिरिजाशंकर…

जनवरी 2014

रंग चाहे तितली के हों या फूलों के, जीवन में विश्वास के रंग को ही गाढ़ा करते हैं. पर कितना फीका हो गया है हमारे विश्वास का रंग? पता नहीं कहां से घुल गया है यह मौसम हवा में कि…