Tag: मां मुझे मनुष्यत्व दो! स्वामी विवेकानंद आवरण-कथा सम्पादकीय आस-पास ही तो हैं विवेकानंद रमेश नैयर दलित-विमर्श का प्रथम मसीहा कमल किशोर गोयनका धर्म-महासभा स्वागत का उत्तर विवेकानंद भारत का भविष्य विवेकान

अप्रैल 2013

मात्र 39 वर्ष की छोटी-सी आयु में स्वामीजी विश्व को जो दृष्टि दे गये वह मनुष्य को समझने-समझाने की दृष्टि थी. धर्म की उनकी व्याख्या में जहां एक ओर मनुष्यता के नये शिखरों को छूने की बात थी, वहीं धर्म…