Tag: जवाहर चौधरी

जंगल में रब्बर शेर

♦  जवाहर चौधरी    > उसने पहले मार्क्स को पढ़ा, इसके बाद गांधी को भी. एक प्रबुद्ध शेर को बाज़ार के जंगल में भूखों मरने के लिए इतना काफी था. धीरे-धीरे उसका वजन घटने लगा, घटना ही था, गिरे पड़े फल…

मार्च 2012

  शब्द-यात्रा ‘प्रजा’ की यात्रा आनंद गहलोत  पहली सीढ़ी ओ पड़ोसी! रिल्के  आवरण कथा सम्पादकीय वंदे हास्यरसम् गोपाल प्रसाद व्यास भीतरी आनंद का बाहरी चित्र बालमुकुंद गुप्त भारतीय कला में हास्य और मनोरंजन कृष्णदत्त वाजपेयी गजानन बनाम गणनायक  मेरी पहली…

मार्च 2014

  जब हम कोई व्यंग्य पढ़ते हैं या सुनते हैं तो अनायास चेहरे पर मुस्कान आ जाती है. हो सकता है इसीलिए व्यंग्य को हास्य से जोड़ दिया गया हो, और इसीलिए यह मान लिया गया हो कि व्यंग्य हास्य…