कुलपति उवाच
03 होली है!
के.एम. मुनशी
अध्यक्षीय
04 एक जीवनशैली है परोपकार
सुरेंद्रलाल जी. मेहता
पहली सीढ़ी
11 पांवों तले शताब्दियां
वाल्ट व्हिटमैन
धारावाहिक उपन्यास
108 योगी अरविंद (आठवीं किस्त)
राजेंद्र मोहन भटनागर
व्यंग्य
93 मनुष्य और जानवर
अर्चना चतुर्वेदी
शब्द-सम्पदा
136 गरीब की दास्तान
अजित वडनेरकर
आवरण-कथा
12 …और द्रौपदी
सम्पादकीय
14 हमारे समाज को इतिहास नहीं होना है तो…
सुधा अरोड़ा
24 पहचान तलाशता दलित स्त्राrवाद
सुजाता पारमिता
27 रक्तिम इतिहास का उत्तराधिकार
डॉ. राजम पिल्लै
30 युग का अंतर
अमृता प्रीतम
35 भारत की प्रतीक नारी कौन?
डॉ. राममनोहर लोहिया
43 सावित्री बनाम द्रौपदी
श्रीभगवान सिंह
52 स्त्री स्वतंत्रता का …नकारात्मक खतरा
गिरिराज किशोर
आलेख
56 आदमी हूं, आदमी से प्यार करता हूं
ओमा द अक
79 फागुन लाग्यो सखि जब तैं…
योगेशचंद्र शर्मा
84 जब वह मां बनी…
डॉ. विनया जंगले
99 `कर्मवीर’ के सौ साल …कलम की कीमत खो बैठोगे!
विजयदत्त श्रीधर
130 गांधी के सपनों वाला भविष्य
सिबी के. जोसेफ और सुरेंद्र कुमार
कथा
69 ब्रीफकेस
सुदर्शन वशिष्ठ
124 उत्सव-शेष
डॉ. कमल चतुर्वेदी
138 किताबें
कविताएं
46 सुन स्त्री
सूर्यबाला
48 जामिया की लड़कियां
आमिर अजीज़
50 दो कविताएं
संध्या यादव
82 दो फागुन गीत
सूर्यकुमार पांडेय
83 फिर फागुन के बोल
यश मालवीय
समाचार
140 भवन समाचार
144 संस्कृति समाचार