कुलपति उवाच
03 ताकि स्वतंत्रता सुरक्षित रहे
के.एम. मुनशी
अध्यक्षीय
04 भगवदगीता
सुरेंद्रलाल जी. मेहता
पहली सीढ़ी
11 ज़िंदगी
एरिष फ्रीड
व्यंग्य
43 अपनी-अपनी आज़ादी
शशिकांत सिंह `शशि’
45 तकनीकी तरक्की और डेढ़ हाथ के लोग
गोपाल चतुर्वेदी
शब्द-सम्पदा
138 सब बराबर हैं
अजित वडनेरकर
आवरण-कथा
12 अमृत-काल का सच
सम्पादकीय
14 जो भारत का अमृत है……
रमेश जोशी
18 आज़ादी के 75 साल और बढ़ती विडम्बनाओं का सवाल
प्रियदर्शन
23 दुनिया में स्वतंत्र, संप्रभु भारत का होना
शिवदयाल
30 स्वतंत्रता की संकुचित होती अवधारणा
डॉ. दीपक पाचपोर
36 चुनौतियों से घिरा लोकतंत्र
रामशरण जोशी
41 एक नया इतिहास शुरू हो रहा है…
जवाहरलाल नेहरू
आलेख
50 77वीं बरसी पर हिरोशिमा की पुकार
हरजेंद्र चौधरी
73 गोपीचंद नारंग : जातीय साहित्य के अंतिम प्रतीक
डॉ. अमरनाथ
79 `उर्दू जिसे कहते हैं ज़बां है मेरी’
प्रगति टिपणीस
95 लातिन अमेरिका का जादुई यथार्थ और इसाबेल एलिंदे
जितेंद्र भाटिया
109 खुशी की तलाश भूटान में
अरुणेंद्र नाथ वर्मा
कथा
59 अजनबी
डॉ. दामोदर खड़से
90 अनुशासन
भगवान अटलानी
99 दो शब्द
इसाबेल एलिंदे
117 रुकना नहीं राधिका…
रमेश चंद्र
125 एक अबूझ को बूझने की कोशिश
127 भारतीय चित्रकला का सच
अशोक भौमिक
136 किताबें
कविताएं
49 एक चिड़िया… अनेक चिड़िया
विजया मुले
56 हिरोशिमा कन्या
नाजिम हिकमत
57 हिरोशिमा की याद
सुरेश ऋतुपर्ण
85 मैं गुज़रांवाला छोड़ आया
सरबजीत सिंह बहल
94 तू मुझे थाम ले, मैं तुझे थाम लूं
सागर त्रिपाठी
समाचार
140 भवन समाचार
144 संस्कृति समाचार