अक्टूबर-2022

कुलपति उवाच 

03    डर से उबरना है

        के.एम. मुनशी

अध्यक्षीय

04    श्री रामानुज

        सुरेंद्रलाल जी. मेहता

पहली सीढ़ी

11    गांधीजी का ताबीज़

        मोहनदास करमचंद गांधी

व्यंग्य

96    व्यंग्य किसे कहते हैं

        संजीव निगम

शब्द-सम्पदा

138   जीहुजूरिया, यसमैन और जीमैन

        अजित वडनेरकर

आवरण-कथा

12    आइए, गांधी को समझें

        सम्पादकीय

14    हर आदमी गांधी हो सकता है

        नंदकिशोर आचार्य

19    रास्ता वही है जो गांधी ने बताया था…

        रघु ठाकुर

27    आम्बेडकर बनाम गांधी नहीं…

        राजमोहन गांधी

44    गांधी के देश में

        मार्टिन लूथर किंग `जूनियर’

48    सेवाग्राम में सात दिन

        लुई फिशर

58    गांधी ने पूछा था…

        रामचंद्र गुहा

आलेख 

65    न्यू नॉर्मल का मतलब

        योगेंद्र कृष्णा

76    महानगर में कविता

        विजय कुमार 

82    ज्योति का पहला तीर्थ

        डॉ. श्रीराम परिहार

87    दीप जलाएं जतन से…

        डॉ. राजेश कुमार व्यास

100   ज़िंदगी के रंग

        सूरज प्रकाश

106   एशिया की सबसे बड़ी भूमिगत लाइब्रेरी

        त्रिलोक दीप

110   जन की विलक्षणतम आकांक्षाओं के जादुई पैरवीकार

              जितेंद्र भाटिया

121   जानि शरद ऋतु खंजन आये 

        शिवचरण चौहान

124   सदियों ने सज़ा पायी

        गंगाशरण सिंह

127   विस्थापन

        ज्ञानप्रकाश विवेक

136   किताबें

कथा

69    कोहरे से लिपे चेहरे

        सूर्यकांत नागर

92    बड़े बाबा

        उर्मिला शिरीष

115   दुनिया का सबसे खूबसरत डूबा हुआ आदमी

        गैब्रिएल गार्सिया मार्क्वेज़

कविताएं

61    बापू से

        रामधारी सिंह दिनकर

91    `विवश-सुख…’

        राम जैसवाल

99    दो ग़ज़लें

        संजय मासूम 

समाचार

140   भवन समाचार

144   संस्कृति समाचार