कुलपति उवाच
03 असली एकता
के.एम. मुनशी
अध्यक्षीय
04 भारतीय जीवन शैली की कालातीत प्रासंगिकता
सुरेंद्रलाल जी. मेहता
पहली सीढ़ी
11 आज़ादी, भ्रातृत्व
फेंटन जानसन (नीग्रो कवि)
शब्द-सम्पदा
136 भगत और भोजन-परसादी
अजित वडनेरकर
आवरण-कथा
12 चुनौती समता की
सम्पादकीय
14 समता समभाव से ही सधेगी
शिवदयाल
20 यह मनुष्य होने की अनिवार्य लड़ाई है!
अच्युतानंद मिश्र
25 समानता की चुनौतियां बरकरार हैं
डॉ. दीपक पाचपोर
30 ज्ञान-गंगा का गंतव्य
रमेश जोशी
आलेख
35 एई महामानवेर सागर-तीरे
रामधारी सिंह `दिनकर‘
46 कबीरा इश्क का मारा, दूई को दूर कर दिल से
धनंजय चोपड़ा
51 प्राचीनता का भविष्य
हेलेना नार्बर्ग होज़
73 अनगढ़ जीवन का सौंदर्य
योगेंद्र कृष्णा
80 बटन बुआ का बेटा आया मां के घर
प्रेम कुमार
86 …अमर शिला में गान तुम्हारा
अखिलेश `दादूभाई‘
92 संकट `नैतिक-बंधनों’ के टूटने का
कृष्ण कुमार
109 उसे ही लिखता मैं संगीत की तरह
मंगलेश डबराल
116 `जादुई यथार्थ’ की बेमिसाल कथा
जितेंद्र भाटिया
कथा
61 पिंडदान
संतोष श्रीवास्तव
98 पीहर के पांव
रमेश चंद्र
119 विकराल डैनों वाला एक बहुत बूढ़ा आदमी
गैब्रिएल गार्सिया मार्क्वेज़
127 सबक (लघुकथा)
एन. उन्नी
128 धर्मयुग वाले धर्मवीर भारती
130 `इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के स्नॉब’
अमृतलाल नागर
138 किताबें
कविताएं
34 रैदास के दोहे
83 पार
नरेश सक्सेना
84 चार कविताएं
वेद राही
96 दो ग़ज़लें
बालस्वरूप राही
115 दो नवगीत
बुद्धिनाथ मिश्र
समाचार
140 भवन समाचार
144 संस्कृति समाचार