कुलपति उवाच
03 जीवन में ईश्वर
के.एम. मुनशी
संदेश
04 सुरेंद्रलाल जी. मेहता
05 होमी दस्तुर
पहली सीढ़ी
11 अरे, अभी तो…
रोबर्ट फ्रोस्ट
आवरण-कथा
12 सूर्यास्त धकियाने का सुख
सम्पादकीय
14 तन से बूढ़ा, मन से बूढ़ा नहीं
रमेश दवे
23 उम्र के चढ़ाव का उतार देखते रहे!
प्रकाश मनु
29 वार्धक्य पूर्ण मुक्ति के पूर्व का पूर्वाभ्यास
नर्मदा प्रसाद उपाध्याय
32 उम्र के चढ़ाव का उतार
डॉ. श्रीराम परिहार
38 जीवन-विकास की चरमावस्था
पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी
43 जीवन संध्या में सुबह की धूप के फूल
ओम निश्चल
54 इकीगाइ
शब्द-सम्पदा
188 `चिरंजीव’ यानी `चिरजीवी’
अजित वडनेरकर
व्यंग्य
50 बूढ़ा ठग
प्रेम जनमेजय
पूर्व-कथन
56 संत्रास अकेलेपन का
गंगा शरण सिंह
64 जो अकेले रह गये…
संज्ञा उपाध्याय
73 आत्मसम्मान की वापसी
रवींद्र कात्यायन
85 उधड़े स्वेटर को बुनते हुए…
106 `आज़ादी’ कहानी का पुनर्पाठ करते हुए
108 बूढ़े बोझ की पीड़ा
129 अकेली पड़ती उम्र का अवसाद
140 एक असमाप्त जीवन की बहाली का प्रयास
160 कहानी के पीछे जिज्ञासा
172 `ब्लेड’ में मेरे खुद्दार मां-बाप हैं!
कथा
58 अकेली
मन्नू भंडारी
66 ग्लोबल गांव के…
रमेश उपाध्याय
76 वापसी
उषा प्रियंवदा
88 उधड़ा हुआ स्वेटर
सुधा अरोड़ा
108 आज़ादी
ममता कालिया
120 निर्वासित
सूर्यबाला
131 स्मार्टफोन
प्रियदर्शन
142 शरणागत
ओमा शर्मा
162 दो बूढ़ी होती औरतें
मधुसूदन आनंद
175 ब्लेड
जितेंद्र भाटिया
कविताएं
47 …मगर धीरे-धीरे
रामदरश मिश्र
181 एक बूढ़ा आदमी
कान्सटैन्टीन कवाफी
182 वृद्धाश्रम
विजय कुमार
183 जाती हुई धूप संध्या की
यश मालवीय
184 जीवन संध्या की कविताएं
रवींद्रनाथ ठाकुर
186 वृद्धाएं धरती का नमक हैं
अनामिका
समाचार
191 भवन समाचार