कुलपति उवाच
03 शिक्षा का रहस्य
के.एम. मुनशी
अध्यक्षीय
04 जो बाहर दिखता है वह हमारे अंतर की ही प्रतिध्वनि है
सुरेंद्रलाल जी. मेहता
पहली सीढ़ी
11 आदिम अंधेरा
कुंवर नारायण
व्यंग्य
47 बोल कि लब आज़ाद हैं तेरे
शशिकांत सिंह `शशि’
115 नये साल की `पिलानिंग’
गिरीश पंकज
शब्द-सम्पदा
131 सहज की खोज में सहजिया
अजित वडनेरकर
आवरण-कथा
12 `साडा हक्क, एत्थे रख’
सम्पादकीय
14 `मुझे जीने दो’
रामशरण जोशी
20 मानवाधिकार एक मूलभूत मानवीय ज़रूरत
शिवदयाल
28 समता का संसार आज भी सपना है
सुधेंदु पटेल
33 मानव अधिकारों के आयाम
देवदत्त माधव धर्माधिकारी
37 महिलाओं की स्वतंत्रता पर नया हमला
पवन वर्मा
39 रंगभेद के खिलाफ नन्हीं सिपाही
अशोक भौमिक
41 संत साहित्य का केंद्र बिंदु मानव है
डॉ. शिवमंगल कुमार
आलेख
54 बाइबिल, टॉल्स्टॉय, थोरो और गांधी
हेमचंद्र पांडे
66 उनकी सांसों में बसता था इलाहाबाद
पुष्पा भारती
76 लोग उर्दू को मुसलमान समझ लेते हैं!
खालिद अल्वी
78 याद आते हैं मटियानी जी
प्रकाश मनु
90 पांसों के मोह की नगरी मांटेकार्लो
नर्मदा प्रसाद उपाध्याय
95 एक कहानी यह भी
मन्नू भंडारी
101 बेजुबानों की दुनिया और कहानी के शाश्वत मूल्य
जितेंद्र भाटिया
123 कबीर बनने के जुनून से कबीर सम्मान तक
अर्णव
126 आदमी को फिर से बनाने की ज़रूरत है
ओशो
133 आइए, दुनिया को इस खिड़की से भी देखें
140 किताबें
कथा
59 बकरी
इंदिरा दांगी
104 नामेटोको के भालू
केंजी मियाज़ावा
118 सबक
हरीश चंद्र पांडे
129 दोषी कोई नहीं
विष्णु नागर
कविताएं
64 चार कविताएं
सुधीर सक्सेना
114 सत्य
हूबनाथ
133 विश्व कविता
वंशी माहेश्वरी
समाचार
142 भवन समाचार