कुलपति उवाच
03 महत्वपूर्ण संतुलन
के.एम. मुनशी
अध्यक्षीय
04 मनुष्य सीमित, पृथक इकाई नहीं है
सुरेंद्रलाल जी. मेहता
पहली सीढ़ी
11 प्रार्थना
विजयदेव नारायण साही
शब्द-सम्पदा
136 सम्पादक, एडिटर और मुदीरे-आला
अजित वडनेरकर
व्यंग्य
120 त्रिया भाग्यम्, पुरुषस्य चरित्रम्
प्रियदर्शी खैरा
आवरण-कथा
12 आम्बेडकर ने चेताया था
सम्पादकीय
14 समत्व से समरसता
शिवदयाल
23 मध्य युग से भी बदतर होगा वह भारत
डॉ. दीपक पाचपोर
28 लोकतांत्रिक गणतंत्र का बीजमंत्र
मधुसूदन आनंद
34 आम्बेडकर की चेतावनी
सोली सोराबजी
37 प्रतिरोध की चेतना का अलख जगाने के लिए
रामशरण जोशी
40 मूकनायक से प्रबुद्ध भारत तक
प्रो. संजय द्विवेदी
45 इक्कीसवीं सदी का दलित साहित्य
हरिनारायण ठाकुर
आलेख
56 आज के यक्ष प्रश्न और मीडिया
हरिवंश
75 चैत्र में खिले मदार के फूल
शिवचरण चौहान
77 बाबा आमटे के साथ दस दिन
हरीश नवल
90 गांधी और जिन्ना
वीरेंद्र कुमार बरनवाल
102 हर इंसान की मौत मेरी मौत है
ख्वाजा अहमद अब्बास
114 भारत माता
डॉ. धर्मवीर भारती
128 हिंसा की `शानदार’ परम्परा और लेखक
जितेंद्र भाटिया
कथा
64 घर का पता
संजय कुमार सिंह
69 थोड़ी-सी नींद
रेणुका अस्थाना
124 …तो यूं ही सही!
राबिक सदा
130 पहली चीज़
उम्बर्तो एको
138 किताबें
कविताएं
53 दो कविताएं
दीपध्वज कोसोदे
54 कौन जात हो भाई?
बच्चा लाल `उन्मेष’
84 बर्बर
विजय कुमार
86 युद्ध के खिलाफ
फ़िरोज़
88 पोनियन कविता
इया कीवा
समाचार
140 भवन समाचार
144 संस्कृति समाचार