कुलपति उवाच
03 गणराज्य
के.एम. मुनशी
अध्यक्षीय
04 हमारी अमूल्य विरासत हैं वेद
सुरेंद्रलाल जी. मेहता
पहली सीढ़ी
11 प्रकाश की ओर
कानेको मिसुजु
हास्य-व्यंग्य
106 उपमान उजले कर गयी वह
धर्मपाल महेंद्र जैन
शब्द-सम्पदा
136 खाद-निर्माण
अजित वडनेरकर
आवरण-कथा
12 एक ही पृथ्वी है हमारे पास
सम्पादकीय
14 बोगदे में पृथ्वी
डॉ. सुधीर सक्सेना
19 बीमार हो रहा है एक ग्रह
डॉ. कपूरमल जैन
31 हे धरती मां!
विजयदत्त श्रीधर
37 जंगल का मौन रुदन…!
अखिलेश सिंह श्रीवास्तव `दादूभाई’
44 भाषा और पर्यावरण
अनुपम मिश्र
47 धरती पर कहर ढायेंगे तो…
सुधा अरोड़ा
51 माता भूमि: पुत्रो अहं पृथिव्या:
आचार्य वासुदेवशरण अग्रवाल
आलेख
67 वह सवाल सुनकर मासूम रो पड़े थे!
प्रेमकुमार
77 अंदर बाहर के परिंदे
ममता कालिया
84 `मेरा काम परकाया-प्रवेश-सा है’
शेखर सेन
98 `बोधिवृक्ष’ की छाया में
शरद पगारे
110 संतूर के स्वरों का जादूगर
विश्वमोहन भट्ट
121 `आवारा’-उग्र का अद्भुत नाटक
राजशेखर व्यास
129 पराभूत धरती का अविजित देश – फ़िलिस्तीन
जितेंद्र भाटिया
कथा
60 तत्सत
जैनेंद्र कुमार
91 एक सपने की मौत
सुदर्शना द्विवेदी
114 बिल्लियां
भगवान वैद्य `प्रखर’
131 जूते
नासिर इब्राहिम
138 किताबें
कविताएं
58 धरती के बारे में कोई बात हुई?
ध्रुव शुक्ल
59 …बहुत आहिस्ता चलो
गुंजन
83 धरती पर एक और धरती
हरीश भादानी
109 दो ग़ज़लें
ज्ञानप्रकाश विवेक
113 महानुभाव
ओमप्रकाश मिश्र
समाचार
140 भवन समाचार
144 संस्कृति समाचार