कुलपति उवाच
03 मनुष्यत्व से देवत्व
के.एम. मुनशी
अध्यक्षीय
04 एक सत्य और कई अवधारणाएं
सुरेंद्रलाल जी. मेहता
पहली सीढ़ी
11 मेरी भी आभा है इसमें
नागार्जुन
व्यंग्य
70 तकनीकी तरक्की और डेढ़ हाथ के लोग
गोपाल चतुर्वेदी
शब्द-सम्पदा
138 लेकिन अपना-अपना दामन
अजित वडनेरकर
आवरण-कथा
12 आज़ादी बनाम स्वराज
सम्पादकीय
14 स्वराज के लिए हमें एक और लड़ाई लड़नी होगी
शिवदयाल
21 गांधी : स्वतंत्रता या स्वराज
अच्युतानंद मिश्र
27 स्वराज का टूटा-फूटा सपना
विजय किशोर मानव
32 तेरी – मेरी आज़ादी
जयश्री सिंह
36 रामराज्य ही स्वराज्य है
श्रीभगवान सिंह
42 स्वतंत्रता, स्वच्छंदता और स्वराज
लालजी जायसवाल
आलेख
46 गांधी व टैगोर की विरासत और लोकतंत्र
नंदकिशोर आचार्य
55 असहमति जनतंत्र का `सेफ्टी वाल्व’ है
डॉ. धनंजय चंद्रचूड़
60 साहित्यिक नक्सल
प्रियदर्शन
74 `पुष्प की अभिलाषा’
गिरीश पंकज
80 ऐसे लिखा गया था `वंदे मातरम्’
डॉ. ममता लक्ष्मन्ना
88 परियों की कहानियों जैसा शहर बुखारा
संतोष श्रीवास्तव
110 महल और झोंपड़े
के. एम. पणिक्कर
118 एक महान कलाकार, एक बड़ा इंसान
रजा रूमी
129 कोटरा एक गांव नहीं, पूरा देश है!
121 रामराज्य के लिए जूता
ज्ञान चतुर्वेदी
140 किताबें
कथा
64 क्रीमी लेयर
नीरव पटेल
93 बहेलिए
शंकर
100 पाठ
हरियश राय
114 लाफ्टर शो
सलाम बिन रजाक
121 बिल्ली का बच्चा
सुरेश उनियाल
कविताएं
87 नाज़िम ह़िकमत की कविता
117 यश मालवीय की कविताएं
128 हरीश निगम की कविताएं
समाचार
142 भवन समाचार
144 संस्कृति समाचार