♦ रामस्वरूप अणखी हर रोज की तरह आज भी शाम को लड़के-लड़कियां चौपाल में खेलने जुटे. कोई ताश खेल रहा था. कोइ रोड़े और कोई पीचो-बकरी. दीपा पीचो-बकरी खेल रहा था. उसके साथ दो लड़कियां और…
♦ रामस्वरूप अणखी हर रोज की तरह आज भी शाम को लड़के-लड़कियां चौपाल में खेलने जुटे. कोई ताश खेल रहा था. कोइ रोड़े और कोई पीचो-बकरी. दीपा पीचो-बकरी खेल रहा था. उसके साथ दो लड़कियां और…