♦ लक्ष्मेंद्र चोपड़ा > परम श्रद्धेय आदरणीय भाई साहब तथा मेरी जात-बिरादरी के लोगों (अगली पंक्ति से कोटों की फरफराहट) मैं भाई साब के साथ तब से हूं जब ये हमारे कस्बे के टपरा महाविद्यालय के मालिक थे और मैं…
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कुछ वर्गवाद
♦ कुट्टिचातन > वैज्ञानिकों, दार्शनिकों, मनीषियों और वी. पी. से माल भेजने वालों सभी ने अपने-अपने ढंग से मानव-जाति का वर्गीकरण किया और अपने-अपने स्थान पर, अपनी-अपनी सीमाओं के अंदर, उनके बनाये हुए वर्ग सार्थक भी हो सकते हैं. विज्ञान…
मुर्गियां
♦ शंकर पुणतांबेकर > अकबर ने कुछ अच्छे लोगों को मुर्गियां बांटीं कि वे उनसे जनता के लिए अंडे पैदा करें. और लोगों ने तो पैदा किये, लेकिन तीन ने यह काम अंजाम नहीं दिया. एक था खानदानी. दूसरा था…
स्नोबाल की खुराफातें
♦ जॉर्ज ऑरवेल > कडाके की सर्दियां पड़ीं. तूफानी मौसम अपने साथ ओले और हिमपात लेकर आया. उसके बाद जो कड़ा पाला पड़ा, वह फरवरी तक बना रहा. पशु पवनचक्की को फिर से बनाने में अपनी तरफ से जी जान…
जंगल में रब्बर शेर
♦ जवाहर चौधरी > उसने पहले मार्क्स को पढ़ा, इसके बाद गांधी को भी. एक प्रबुद्ध शेर को बाज़ार के जंगल में भूखों मरने के लिए इतना काफी था. धीरे-धीरे उसका वजन घटने लगा, घटना ही था, गिरे पड़े फल…