♦ विष्णु नागर > एक कुत्ता था, वह अपनी सिद्धांतवादिता के लिए दूर-दूर तक प्रसिद्ध था. वह पूंछ वहीं हिलाता था, जहां हिलाना ज़रूरी होता था वरना कुछ भी हो जाए, वह हिलाता ही नहीं था. वह भौंकता भी तभी…
♦ विष्णु नागर > एक कुत्ता था, वह अपनी सिद्धांतवादिता के लिए दूर-दूर तक प्रसिद्ध था. वह पूंछ वहीं हिलाता था, जहां हिलाना ज़रूरी होता था वरना कुछ भी हो जाए, वह हिलाता ही नहीं था. वह भौंकता भी तभी…