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मृत्यु का तर्पण

♦  काका कालेलकर    > सब कोई कहेंगे कि मरण सर्वथा अनिष्ट है. लेकिन क्या यह आवाज़ सही है? मनुष्य कोअपना और अपने आत्मीयों का मरण भले ही अनिष्ट मालूम होता हो, लेकिन उसे दूसरे लोगों के मरने पर विशेष…