♦ राजेंद्र माथुर > सभ्यता की एक महान समस्या कचरा है. कचरा सर्वत्र है. वह खेत में है और कारखानों में है. जब खेतों में प्राकृतिक खाद पड़ती थी, तब खेत उसे सोख लेते थे. लेकिन आजकल खेत में रासायनिक…
Tag: सभ्यता का कचरा
जुलाई 2008
शब्द-यात्रा चतुरन की बात में, बात-बात में बात आनंद गहलोत पहली सीढ़ी तू ही तो मही मां ! हरीश भादानी आवरण-कथा साहित्य का दायित्व विडम्बनाओं, विसंगतियों की आहटों को महसूसना ज़रूरी है चित्रा मुद्गल सतत सजगता का एक नाम है…