Tag: शरद जोशी

ताकि लेखन साहित्य न बन जाये!

♦  शरद जोशी   > श्रे ष्ठ का विशेषण तो दूर, मुझे अपने लिखे पर व्यंग का विशेषण लगाते भी अच्छा नहीं लगता. यह एक खुशफहमी भी हो सकती है कि मेरी रचनाएं व्यंग हैं. दरअसल मेरी कोई पंद्रह बीस रचनाएं…

जून 2008

शब्द-यात्रा क्या खीर पक रही है ? आनंद गहलोत पहली सीढ़ी  अमिय-रस आवरण-कथा पानी बिच मीन पियासी नंद चतुर्वेदी ऐसे चलता था समाज का खेल अनुपम मिश्र देश की जल-कुंडली पानी बचाय के ना रखब्या, तब ना हम लेबै सराध में…

मार्च 2008

शब्द-यात्रा घड़ी-घड़ी मेरा दिल धड़के आनंद गहलोत पहली सीढ़ी  मर-मर क्या जीना हरीश भादानी आवरण-कथा व्यंग्य के साथ भी हंसी आती है, पर वह ऐसी नहीं होती हरिशंकर परसाई मगर इंसान हंसता क्यों है? कृश्न चंदर मेरा व्यंग्य सवालों के जवाब…

सितम्बर 2014

वर्ष : 62  अंक : 09  सितम्बर 2014   कुलपति उवाच व्यक्तित्व का विकास के.एम. मुनशी  शब्द यात्रा ना यानी नहीं आनंद गहलोत  पहली सीढ़ी और एक मुस्कान पॉल एलुआर  आवरण-कथा सम्पादकीय सवाल भाषाई आत्मसम्मान का रघु ठाकुर हिंदी में…

मार्च 2014

  जब हम कोई व्यंग्य पढ़ते हैं या सुनते हैं तो अनायास चेहरे पर मुस्कान आ जाती है. हो सकता है इसीलिए व्यंग्य को हास्य से जोड़ दिया गया हो, और इसीलिए यह मान लिया गया हो कि व्यंग्य हास्य…