बीतते वर्ष में बहुत कुछ ऐसा हुआ होता है जो पीड़ा देता है, उसे याद करके दुखी होना स्वाभाविक है. लेकिन दुखी होना मात्र तो पीड़ा से नहीं उबारेगा. ज़रूरी है हम उस दुख से उबरें जो अनचाहे अथवा अप्रिय…
Tag: नोबेल कथा
नवम्बर 2014
सारी योजनाओं, कार्यक्रमों, वादों, दावों के बावजूद आज भी देश के, कम से कम ग्रामीण भारत के सरकारी स्कूलों में न बच्चों के बैठने के लिए पर्याप्त व्यवस्था है, न पीने के लिए पानी, न शौचालय. शिक्षा के नाम पर…
अगस्त 2014
भारत का एक भूगोल है को भारत एक भूगोल है भी कहा जा सकता है और इसी तरह कहा यह भी जा सकता है कि भारत एक इतिहास है. पर भारत को परिभाषित करने की यह बात यहीं खत्म नहीं…
सितम्बर 2014
वर्ष : 62 अंक : 09 सितम्बर 2014 कुलपति उवाच व्यक्तित्व का विकास के.एम. मुनशी शब्द यात्रा ना यानी नहीं आनंद गहलोत पहली सीढ़ी और एक मुस्कान पॉल एलुआर आवरण-कथा सम्पादकीय सवाल भाषाई आत्मसम्मान का रघु ठाकुर हिंदी में…