।।आ नो भद्राः क्रतवो यन्तु विश्वतः।। ♦ सर्वेश्वरदयाल सक्सेना > नये साल की शुभकामनाएं खेतों की मेड़ों पर कूल भरे पांव को कुहरे में लिपटे उस छोटे-से गांव को नये साल की शुभकामनाएं इस पकती रोटी को, बच्चों के…
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जनवरी 2014
रंग चाहे तितली के हों या फूलों के, जीवन में विश्वास के रंग को ही गाढ़ा करते हैं. पर कितना फीका हो गया है हमारे विश्वास का रंग? पता नहीं कहां से घुल गया है यह मौसम हवा में कि…