Tag: जनवरी 2014

अंतिम प्रणाम

♦  नारायण दत्त  >   अभावों और असुविधाओं से जूझते हुए अपने व्यक्तित्व को अपने हाथों गढ़ना और जीवन-पथ पर अविचल भाव से आगे बढ़ते जाना आदमी के आत्मबल को सूचित करता है. मेरे मित्रों और सहकर्मियों में श्री गिरिजाशंकर…

पिता ने अहिंसा का साक्षात पाठ पढ़ाया

बड़ों का बचपन ♦  महात्मा गांधी  >    मेरे एक रिश्तेदार के साथ मुझे बीड़ी-सिगरेट पीने का चस्का लगा. हमारे पास पैसे तो होते नहीं थे. हम  दोनों में से किसी को यह पता नहीं था कि सिगरेट पीने से कोई फायदा…