Tag: गंगा प्रसाद विमल

दिसम्बर 2014

बीतते वर्ष में बहुत कुछ ऐसा हुआ होता है जो पीड़ा देता है, उसे याद करके दुखी होना स्वाभाविक है. लेकिन दुखी होना मात्र तो पीड़ा से नहीं उबारेगा. ज़रूरी है हम उस दुख से उबरें जो अनचाहे अथवा अप्रिय…

जनवरी 2011

इस बार हम आपके लिए हिंदी की उन कथाओं का गुलदस्ता लेकर उपस्थित हैं, जिन्होंने स्वतंत्रता-प्राप्ति के बाद के काल में हमारे कथा-साहित्य के बगीचे को महकाया है. ‘नवनीत’ का यह विशेषांक ऐसी ग्यारह कहानियों का संकलन है, जिन्होंने हमारे…

दिसम्बर 2012

क्षमा करने का अर्थ है हम कथित अपराध करने वाले को न केवल कोई सज़ा नहीं देना चाहते हैं, बल्कि उसे सुधरने का एक मौका भी देना चाहते हैं. पर क्षमा का अर्थ एवं महत्त्व यहीं तक सीमित नहीं है.…

जुलाई 2012

संस्कृति क्या है? इस प्रश्न का सीधा-सा उत्तर हैः वह सब जो मानवीय जीवन को उच्चतर मूल्यों-आदर्शों से जोड़ता है, उसे संस्कारित करता है, वही सब संस्कृति को भी परिभाषित करता है. संकीर्णताओं से उबरकर एक व्यापक फलक पर जीवन…